Breaking News
क्रिसमस–न्यू ईयर के जश्न में डूबा पटना, चर्चों से लेकर इको पार्क तक रौनक और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
2026 में ऐपल का मेगा प्लान: 50वें साल में आएंगे 20+ नए प्रोडक्ट, फोल्डेबल iPhone से Apple Glasses तक
राज्यसभा चुनाव से पहले एनडीए में मंथन तेज, सीटों को लेकर बढ़ी खींचतान
- Reporter 12
- 23 Dec, 2025
बिहार में 9 अप्रैल 2026 को होने वाले राज्यसभा चुनाव से पहले सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। राज्य से राज्यसभा की पांच सीटें खाली होने वाली हैं, जिनमें जेडीयू की दो, आरजेडी की दो और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की एक सीट शामिल है। अभी चुनाव में भले ही कुछ महीने का वक्त बाकी हो, लेकिन एनडीए के भीतर सीटों के बंटवारे को लेकर हलचल शुरू हो चुकी है।
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के बयान के बाद अब उपेंद्र कुशवाहा की प्रतिक्रिया ने इस चर्चा को और हवा दे दी है। मांझी ने हाल ही में हम पार्टी के लिए राज्यसभा की एक सीट की मांग करते हुए संकेत दिया था कि यदि मांग पूरी नहीं हुई तो वे अलग राह भी चुन सकते हैं।
उपेंद्र कुशवाहा का संयमित बयान
इस पूरे मसले पर उपेंद्र कुशवाहा ने सार्वजनिक बयानबाजी से दूरी बनाते हुए कहा कि एनडीए से जुड़े मुद्दों पर बातचीत गठबंधन के भीतर ही होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे विषयों को मीडिया या सार्वजनिक मंच पर उठाना उनकी कार्यशैली का हिस्सा नहीं है।
क्या कमजोर पड़ रही है कुशवाहा की स्थिति?
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो मौजूदा समीकरण में उपेंद्र कुशवाहा सबसे कमजोर कड़ी के रूप में देखे जा रहे हैं। उनकी पार्टी के पास बिहार विधानसभा में केवल चार विधायक हैं, जबकि राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए कम से कम 41 विधायकों का समर्थन जरूरी होता है। ऐसे में एनडीए के भीतर से मिल रहे संकेत यह इशारा कर रहे हैं कि उन्हें दोबारा राज्यसभा भेजे जाने की संभावना कम हो सकती है।
बीजेपी की रणनीति और परिवारवाद का सवाल
लोकसभा चुनाव 2024 में काराकाट से हार के बाद उपेंद्र कुशवाहा को राज्यसभा भेजा गया था। इसके बाद उनकी पत्नी के विधायक बनने और बेटे के राजनीतिक रूप से आगे बढ़ने को लेकर विपक्ष ने एनडीए पर परिवारवाद के आरोप लगाए। माना जा रहा है कि बीजेपी इन आरोपों से बचने के लिए इस बार कुशवाहा को राज्यसभा से बाहर रखने का फैसला कर सकती है।
कौन-कौन सी सीटें हो रही हैं खाली
जिन पांच राज्यसभा सीटों पर चुनाव होना है, उनमें आरजेडी के प्रेमचंद गुप्ता और अमरेंद्र धारी सिंह, जेडीयू के हरिवंश नारायण सिंह और केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर तथा राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की सीट शामिल हैं।
बीजेपी और जेडीयू की तैयारी
बीजेपी के भीतर नितिन नबीन का नाम सबसे आगे चल रहा है और उनके राज्यसभा जाने की संभावना लगभग तय मानी जा रही है। दूसरी सीट को लेकर पार्टी में मंथन जारी है। वहीं जेडीयू को भी दो राज्यसभा सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है।
कुल मिलाकर, राज्यसभा चुनाव से पहले ही एनडीए के भीतर सीटों को लेकर सियासी गणित और दबाव की राजनीति तेज हो चुकी है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि गठबंधन के भीतर सहमति बनती है या यह खींचतान और गहराती है।
Leave a Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *







